उत्तराखंड के विद्युत उपभोक्ताओं को मिलेगी 24 लाख रुपए की राहत, जनवरी माह में दिखाई देगा इसका लाभ


देहरादून:- उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश के 24 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की है। फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) के तहत 50.28 करोड़ रुपये का समायोजन करने के आदेश जारी किए हैं। इस फैसले का लाभ उपभोक्ताओं को जनवरी में आने वाले बिजली बिलों में दिखाई देगा।

अप्रैल से जून तिमाही के लिए यूपीसीएल की ओर से आयोग में भेजी गई एफपीपीसीए गणना पिटीशन की समीक्षा के बाद पाया गया कि इस अवधि में बिजली खरीद लागत अनुमान से कम रही। ऐसे में नियामक आयोग ने नकारात्मक एफपीपीसीए को मंजूरी देते हुए 50.28 करोड़ रुपये की राशि सीधे उपभोक्ताओं के हित में समायोजित करने का निर्णय लिया।
आयोग के अध्यक्ष एम.एल. प्रसाद, सदस्य विधि अनुराग शर्मा और सदस्य तकनीकी प्रभात किशोर डिमरी ने यह भी स्पष्ट किया कि यूपीसीएल उपभोक्ताओं से एफपीपीसीए की वसूली दो महीने के अंतराल से करेगा। उदाहरण के तौर पर अप्रैल महीने का एफपीपीसीए जून में लागू होगा और इसका बिल जुलाई में आएगा।
उद्योगों की मांग पर आयोग ने यूपीसीएल को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक माह लागू होने वाला एफपीपीसीए पिछले महीने की 28 तारीख तक वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाए, ताकि उपभोक्ताओं को पारदर्शी जानकारी मिल सके।
आयोग ने यूपीसीएल की प्रस्तावित औसत स्वीकृत बिजली खरीद दर 5.39 रुपये प्रति यूनिट को भी स्वीकार कर लिया। साथ ही बताया कि बिजली खरीद से जुड़े आंकड़े समय-समय पर संशोधित होते रहते हैं, जिनका समायोजन आगे की एफपीपीसीए गणना में किया जाएगा। तिमाही के दौरान यूपीसीएल द्वारा 27.28 करोड़ रुपये की अधिकवसूली का मामला भी सामने आया, जिसके ऑडिटेड रिकॉर्ड उपलब्ध न होने के कारण आयोग ने इसे अस्थायी रूप से आगे समायोजित करने के निर्देश दिए हैं और ऊर्जा निगम को इसका अलग रिकॉर्ड रखने को कहा है।








