विजिलेंस टीम ने मंडी सचिव को 1.20 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार, फल मंडी में दो दुकानों के लाइसेंस बनाने के लिए मांगी गई थी रकम

काशीपुर:- लगातार हो रही विजिलेंस की कार्रवाई के बावजूद भी रिश्वतखोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है।
इसी क्रम में आढ़तियों की शिकायत पर विजिलेंस टीम ने काशीपुर के प्रभारी मंडी सचिव को 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। यह रकम मंडी सचिव ने फल मंडी में दो दुकानों के लाइसेंस बनाने के लिए मांगी थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच महीने बाद की आरोपी सचिव का रिटायरमेंट है। देर रात तक विजिलेंस टीम की कार्रवाई जारी रही।

ग्राम सरवरखेड़ा निवासी आढ़ती सफायत और शकील ने काशीपुर फल मंडी में दो दुकानों के लाइसेंस के लिए करीब 8 दिन पूर्व आवेदन किया था। आरोप लगाया कि प्रभारी मंडी सचिव पूरन सिंह सैनी ने एक दुकान के लाइसेंस के लिए 60 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। इसके बाद दोनों आढ़तियों ने लगभग एक सप्ताह पूर्व डायल 1064 पर विजिलेंस में इसकी शिकायत की थी। इसके बाद विजलेंस की टीम 5 दिन पहले शिकायत की जांच की। जांच में शिकायत सही मिलने पर टीम ने प्रभारी मंडी सचिव को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया। करीब शाम 4.30 बजे विजिलेंस की 11 सदस्यीय टीम दो गाड़ियों से मंडी सचिव कार्यालय पहुंची। जहां दोनों शिकायतकर्ताओं ने प्रभारी मंडी सचिव को एक साथ 1.20 लाख रुपये दिए। इसके तुरंत बाद विजिलेंस टीम ने मंडी सचिव पूरन सिंह सैनी को रंगे हाथों पकड़ लिया। हिरासत में लेने के बाद नए लाइसेंसों के लिए आवेदन से की फाइलें खंगाली गई। काशीपुर मंडी समिति में आशा गोस्वामी मंडी सचिव के पद पर तैनात थीं। आरोप है कि उनके अवकाश के समय में सहायक लेखाधिकारी पूरन सिंह सैनी को प्रभारी सचिव का चार्ज दिया गया, लेकिन अवकाश से लौटने के बाद आशा गोस्वामी को यह चार्ज नहीं मिला।
इसी वर्ष 26 मई को मंडी सचिव आशा गोस्वामी के अवकाश पर जाने के बाद कथित रूप से मंडी में तैनात सहायक लेखाधिकारी पूरन सिंह सैनी को प्रभारी सचिव बनाया था। इसके बाद मंडी आढ़तियों ने प्रभारी सचिव सैनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीएम पोर्टल में भी शिकायत की थी। साथ ही आरोप था कि अनाधिकृत रूप से सहायक लेखाधिकारी ने सचिव का प्रभार प्राप्त कर लिया। आढ़तियों ने मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की थी।