हल्द्वानी के नीलकंठ हॉस्पिटल में दो अलग-अलग मामलों में चिकित्सकों को मिली सफलता: फेफड़े से निकाली कार्डबोर्ड पिन और प्लेसेंटा इनक्रीटा वाली माँ को दिया नया जीवन

हल्द्वानी:- शहर के जाने माने नीलकंठ मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, हल्द्वानी के चिकित्सकों ने पिछले कुछ दिनों में दो अलग-अलग और अत्यधिक जटिल मामलों को सफलता प्राप्त की है।

पहले मामले में जहाँ एक मरीज के फेफड़े से फँसी हुई नुकीली कार्डबोर्ड पिन को निकाला गया, वहीं दूसरे मामले में एक हाई-रिस्क वाली महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गया, जो प्लेसेंटा एक्रीटा/इनक्रीटा जैसी जानलेवा स्थिति से जूझ रही थीं।
1. नुकीली कार्डबोर्ड पिन का सफल निष्कासन
एक आठ वर्षीय मरीज़ बच्चे को गंभीर साँस लेने की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रारंभिक जाँच (X-ray) में पता चला कि उसके बाएं फेफड़े की ऊपरी नली में एक कार्डबोर्ड पिन फँसी हुई थी। जिसकी वजह से उसके बाएं फेफड़े में न्यूमोनिया हो गया था। बच्चे को यह परेशानी चार दिन पहले से थी और वह 2-3 जगह दिखाने के बाद नीलकंठ अस्पताल में दिखाने आये थे।
वरिष्ठ श्वास और छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव सिंघल और उनकी कुशल टीम ने एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. हेम भट्ट के सहयोग से दूरबीन विधि (ब्रोंकोस्कोपी) द्वारा पिन को अत्यंत सावधानी से बाहर निकाला। डॉ. सिंघल ने बताया कि पिन की स्थिति ऐसी थी कि ज़रा सी भी चूक से बड़ा रक्तस्राव या संक्रमण हो सकता था, लेकिन अस्पताल के चिकित्सकों की मेहनत रंग लाई और मरीज़ अब पूरी तरह स्वस्थ हैं।
2. प्लेसेंटा इनक्रीटाः
अस्पताल में दूसरी बड़ी उपलब्धि स्त्री और प्रसूति रोग विभाग से जुड़ी है। डॉक्टरों ने एक ऐसी महिला का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया, जिन्हें प्लेसेंटा एक्रीटा इनक्रीटा जैसी दुर्लभ और जानलेवा स्थिति थी।
प्लेसेंटा एक्रीटा/इनक्रीटा गर्भाशय में प्लेसेंटा (अपरा) का एक असामान्य रूप है जिसे प्रसव के बाद गर्भाशय से अलग करना बेहद मुश्किल होता है। यह स्थिति भारी रक्तस्राव (Massive Torrential Bleeding) का कारण बनती है और इसमें मातृ मृत्यु दर 30% तक रिपोर्ट की जाती है, मरीज़ का यह तीसरा ऑपरेशन था, जिससे ख़तरा कई गुना बढ़ गया था।
स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. निशा मरहट्टा जोशी के नेतृत्व में, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. हेम भट्ट और अस्पताल की मल्टी-स्पेशलिटी टीम ने यह ऑपरेशन किया।
चिकित्सकों ने बताया कि माँ के रक्त की हानि को कम करने के लिए अस्पताल के इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ रोहित रखोलिया के द्वारा कैथलैब में विशेष प्रक्रिया धमनी में बलून फिक्सेशन किया गया।
डॉ. निशा मरहट्टा जोशी ने पुष्टि की कि ऑपरेशन सफल रहा और माँ तथा नवजात शिशु दोनों स्वस्थ हैं। नीलकंठ मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने इन दोनों जटिल मामलों में अपनी विशेषज्ञता, आधुनिक तकनीक और टीम वर्क के चलते हल्द्वानी क्षेत्र के लिए उच्च स्तरीय चिकित्सकीय सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की है।










