स्कूटी मिली खाई में, पुलिस ने चलाया सर्च ऑपरेशन, युवक दो दिन बाद दिल्ली में मिला सकुशल

नैनीताल:- दिल्ली से नैनीताल घूमने आए एक आर्किटेक्ट अंकित धीमान ने एक ऐसा ड्रामा रचा कि पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें दो दिन तक जंगल में खाक छानती रहीं। पंगोट क्षेत्र में उसकी किराए की स्कूटी संदिग्ध परिस्थितियों में खाई में मिली और बैग और मोबाइल सड़क किनारे पड़े मिले, जिससे आत्महत्या की आशंका जताई गई। लेकिन दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद पता चला कि युवक सकुशल दिल्ली लौट चुका है।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली के पीतमपुरा निवासी अंकित धीमान पेशे से आर्किटेक्ट हैं। वह अपनी कार हल्द्वानी में पार्क कर नैनीताल पहुंचे थे, जहां से उन्होंने स्कूटी किराए पर ली और पंगोट की ओर निकल गए। देर शाम स्थानीय ग्रामीणों को पंगोट के पास सड़क किनारे एक बैग और मोबाइल मिला, साथ ही खाई में स्कूटी दिखाई दी। सूचना मिलने पर पुलिस, एसडीआरएफ और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पूरी रात सर्च ऑपरेशन चलाया, मगर युवक का कोई सुराग नहीं लगा।
बैग में मिले दस्तावेजों से युवक की पहचान अंकित धीमान के रूप में हुई। इसी दौरान युवक के मोबाइल पर कॉल आया, जिससे पुलिस को परिजनों से संपर्क करने में मदद मिली। सूचना मिलने पर युवक के माता-पिता और पत्नी दिल्ली से नैनीताल पहुंचे। इस दौरान अंकित ने खुद ही परिजनों को फोन कर बताया कि वह सकुशल दिल्ली में है।
अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि जब पुलिस ने युवक से फोन पर संपर्क किया, तो वह बार-बार बयान बदलता रहा। सख्ती बरतने पर उसने स्वीकार किया कि पत्नी से लंबे समय से विवाद चल रहा था। मानसिक तनाव के चलते वह आत्महत्या करने की नीयत से नैनीताल आया था। लेकिन आखिरी वक्त पर इरादा बदल गया और उसने स्कूटी को खाई में धकेलकर खुद दिल्ली लौटने का फैसला किया ताकि लोग उसे मृत समझें।
पुलिस के अनुसार युवक मानसिक तनाव में है और उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। फिलहाल कोतवाली पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। इस सर्च अभियान में एसडीआरएफ के एसआई मनोज रावत, चंदन रौतेला, महेंद्र भंडारी, आर. खेतवाल, एसएसआई दीपक बिष्ट, एसआई दीपक कार्की, शाहिद अली सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे।

















