रेशम नई पहल स्वयं सहायता समूह आज आत्मनिर्भरता की मिसाल, महिलाओं को सशक्त बनाने में उत्तराखंड सरकार की नीतियों का महत्वपूर्ण योगदान


नैनीताल:- महिलाओं की प्रतिभा को नई दिशा देती “रेशम नई पहल स्वयं सहायता समूह आज आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुका है। समूह की कोषाध्यक्ष कविता ऐरी बताती हैं कि परंपरागत रेशम उत्पादों जैसे सूट और साड़ी तो सभी ने देखे हैं, लेकिन उन्होंने इसे एक नए आयाम पर लेकर रेशम से पेंटिंग, एप्रन, घड़ी और कई अनोखे उत्पाद तैयार किए हैं-जो भारत में पहली बार बनाए जा रहे हैं।


महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार की नीतियों का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान है। सरकार की योजना के अनुसार समूह को सहकारी बैंक से 0% ब्याज पर 5 लाख रुपए का ऋण प्राप्त हुआ, जिसने इस नई पहल को मजबूत आर्थिक आधार दिया। इस सहयोग से उनके कार्य को गति दी बल्कि कई अन्य महिलाओं को इस पहल से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी प्रदान किया।

आज समूह विभिन्न मेलों और बाजारों में स्टॉल लगाकर अपने उत्पादों की शानदार बिक्री कर रहा है, जिससे महिलाओं की आय में बढ़ोतरी हो रही है और आत्मविश्वास भी लगातार बढ़ रहा है। अब ‘रेशम नई पहल’ का लक्ष्य अपनी कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक ले जाना है ताकि उत्तराखंड की प्रतिभा पूरी दुनिया में बिखेर सके।

यह कहानी सिर्फ रेशम उत्पादों की नहीं, बल्कि उन महिलाओं की है जो मेहनत, और सरकारी सहयोग से अपनी पहचान खुद बना रही हैं और अपने राज्य का नाम रोशन कर रही हैं।










