शावकों की मौत के मामले में वन विभाग अधिकारियों की बढ़ी मुश्किलें, वन्य जीव हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग

हल्द्वानी:- तेंदुए के शावकों की मौत के मामले में वन विभाग के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने तराई केंद्रीय वन प्रभाग भाखड़ा रेज के अधिकारियों और कर्मचारियों को शावकों की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर सौंपी है। उन्होंने शावकों की मौत के जिम्मेदारों के खिलाफ वन्य जीव हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
पुलिस को दी तहरीर में गायत्री कालोनी जग्गी बगर हल्दूचौड़ लालकुंआ निवासी आरटीआई कार्यकर्ता जसवीर सिंह ने लिखा, बीती 2 और 3 दिसम्बर को हरिपुर मोतिया गांव, रामपुर रोड में तेंदुए के दो शावक भूख और ठंड के कारण मृत पाए गए। आरोप लगाया है वन विभाग ने अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय इन शावकों की सुरक्षा और देखभाल के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए गए।
तेंदुए के शावक ग्रामीण क्षेत्र में मिले और वन विभाग को तुरंत सूचित किया गया। वन विभाग ने शावकों की मां के आने का इंतजार किया, लेकिन इस दौरान उनकी देखभाल के लिए आवश्यक फीडिंग या चिकित्सा सहायता प्रदान नहीं की। जिसकी वजह से यह तराई केंद्रीय वन प्रभाग भाखड़ा रेंज के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से शावकों की मौत हो गई। क्योंकि शावकों की सुरक्षा और जीवनरक्षा की जिम्मेदारी विभाग की होती है।
मादा तेंदुए के हमलावर होने की संभावना
शावकों की मौत से आस-पास के ग्रामीणों में भय और आक्रोश व्याप्त है। मादा तेंदुए के हमलावर होने की संभावना ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि यह घटना न केवल वन्यजीव संरक्षण कानूनों का उल्लंघन है बल्कि केंद्रीय वन प्रभाग भाखड़ा रेंज की असंवेदनशीलता और लापरवाही की भी दर्शाती है। इस मामले में तराई केंद्रीय वन प्रभाग भाखड़ा रेंज की भूमिका और कार्यशैली की गहन कर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।