पर्यावरण संरक्षण के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ईडीसी का गठन, कार्तिक स्वामी मंदिर को तीर्थाटन से जोड़ने के लिए लंबे समय से हो रहे प्रयास

रुद्रप्रयाग:- जनपद में पर्यावरण संरक्षण के साथ पर्यटन और एडवेंचर को बढ़ावा देने के लिए कार्तिकेय-कनकचौंरी पर्यावरण विकास समिति (ईडीसी) का गठन किया गया है। जनपद में यह पहला मौका है, वन विभाग के आरक्षित क्षेत्र में पर्यटन व एडवेंचर के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए ईडीसी गठित की गई है।

सात सदस्यीय यह समिति कनकचौंरी से कार्तिक स्वामी मंदिर परिसर तक चार किमी पैदल मार्ग के रखरखाव, साफ-सफाई के साथ पर्यटन गतिविधियों को संचालित करेगी। उत्तर भारत के एकमात्र कार्तिकेय मंदिर कार्तिक स्वामी को तीर्थाटन से जोड़ने के लिए लंबे समय से प्रयास हो रहे हैं। यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन को पहुंच रहे हैं, जो क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत हो रहे हैं।
अब, रुद्रप्रयाग वन प्रभाग ने कार्तिक स्वामी मंदिर और मार्ग के रखरखाव, सफाई के लिए पोगठा और बाड़व गांव के ग्रामीणों के साथ मिलकर सात सदस्यीय ईडीसी गठित की है। यह समिति कनकचौरी से कार्तिक स्वामी मंदिर तक चार किमी पैदल मार्ग से लगे नैनादेवी आरक्षित वन क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधन, जैव-विविधता की सुरक्षा करने के साथ ही तीर्थाटन, पर्यटन और एडवेंचर गतिविधियों को बढ़ावा देगी। रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के उप प्रभागीय वनाधिकारी देवेंद्र सिंह पुंडीर ने बताया कि जनपद में पहली पर्यावरण विकास समिति का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य कनकचौरी-कार्तिक स्वामी ट्रैक से लेकर आरक्षित वन क्षेत्र में इको फ्रेंडली कार्य के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मुहैया कराना है।