विश्व होम्योपैथी दिवस पर विशेष: पुराने रोगों में बेहद कारगर हैं होम्योपैथी दवाएं, 100 से अधिक देश अपना रहे हैं होम्योपैथी चिकित्सा

हल्द्वानी:- प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है, आज ही के दिन सन 1755 होम्योपैथिक पद्धति के जनक डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन का जन्म सन 1755 में हुआ था। होम्योपैथिक का इतिहास लगभग 250 वर्ष पुराना है एवं विश्व भर में 100 से अधिक देश होम्योपैथिक चिकित्सा को अपना रहे हैं होम्योपैथिक दवाओं की विशेषता यह है कि यह पुराने रोगों में बेहद कारगर है एवं इनमें किसी तरह का साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। आज लोगों का विश्वास लगातार होम्योपैथिक चिकित्सा की ओर बढ़ रहा है।
कुछ रोगों में काफी फायदेमंद है होम्योपैथी चिकित्सा
चिकित्सकों के अनुसार होम्योपैथी चिकित्सा में लगभग सभी बीमारियों का उपचार संभव है। फिर भी कुछ बीमारियों में इसे ज्यादा कारगर माना जाता है। इन बीमारियों में एलर्जी, दमा, वात रोग, चिंता और अवसाद, माइग्रेन और सिरदर्द, पाचन विकार, त्वचा रोग जैसे एक्जिमा और सोरायसिस, मासिक धर्म संबंधी विकार, जैसे मासिक धर्म में ऐंठन और अनियमित अवधि, श्वसन संक्रमण, जैसे सर्दी और फ्लू आदि। लेकिन ध्यान रहे कि उपचार का तरीका निर्धारित करने के लिए एक योग्य चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी है।