कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने जनसुनवाई के दौरान मौके पर ही कई शिकायतों का किया समाधान, आरटीओ, पुलिस महकमे को रात्रि में चेकिंग के दिए निर्देश

हल्द्वानी। कुमाऊं आयुक्त व सचिव मुख्यमंत्री, दीपक रावत ने मंगलवार को जनसुनवाई करते हुए मौके पर शिकायतों का समाधान किया, इसमें अधिकांश शिकायतें, भूमि विवाद, पारिवारिक विवाद व अतिक्रमण, सड़क, लोन आदि से सम्बन्धित आई।

कैंप कार्यालय में मंगलवार को हुई जनसुनवाई में आयुक्त ने आरटीओ, उपजिलाधिकारी एवं पुलिस महकमे के अधिकारियों को संयुक्त रूप से रात्रि में नियमित ओवर स्पीड व यातायात उल्लंघन करने वालों के खिलाफ चैकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा समय-समय पर इसकी मानिटरिंग की जायेगी।
जनसुनवाई में तेजपाल निवासी हल्द्वानी ने बताया कि उन्होंने भवन निर्माण हेतु पिरामल फाईनेंस कम्पनी से 6.84 लाख लोन बीस वर्षों के लिए लिया था। पिरामल फाईनेंस कम्पनी द्वारा प्रतिमाह किस्त 6 हजार 700 निर्धारित की गई। उनके द्वारा वर्तमान तक 6.97 हजार रूपये जमा किये जा चुके हैं। लेकिन पिरामल कम्पनी ने बताया कि बकाया 7 लाख से अधिक देनदारी शेष है। पिरामल कम्पनी के प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि तेजपाल द्वारा 8 किस्तों का भुगतान नही किया गया साथ ही बताया कि आरबीआई बैंक दरें बढ़ने के कारण कारण लोन की दरें अधिक हो गई है। जिस पर आयुक्त ने पिरामल कम्पनी एवं तेजपाल के मध्य एकमुश्त धनराशि जमा का प्रकरण को निपटाने के निर्देश दिये।भीमताल निवासी चन्दन सिह ने आयुक्त को बताया कि उन्होंने भूमि क्रय की और रजिस्ट्री भी हो गई। उनकी रजिस्ट्री खाता संख्या 29 की हुई और खाता संख्या 43 में उनको भूमि दी गई है। उन्होंने आयुक्त से खाता संख्या परिवर्तित कराने का अनुरोध किया। आयुक्त ने दोनों पक्षों तलब कर समस्या का समाधान किया। ओखलकांडा सुरंग निवासी कमल किशोर ने बताया कि अक्टूबर 2024 में उन्होंने 2 एकड़ भूमि कमोला रामनगर में क्रय की थी इसके एवज में उन्होंने 11 लाख 31 हजार रूपये कैश दिये, लेकिन अभी तक उक्त भूमि की रजिस्ट्री नहीं हुई। जिस पर आयुक्त ने उपजिलाधिकारी रामनगर को जांच करने के निर्देश दिये। जनसुनवाई में रेखा देवी निवासी काठगोदाम ने पैत्रिक भवन में बंटवारे के तहत भवन में स्थान दिलाने की मांग की, इसके साथ ही हेमा डसीला निवासी गौलापार ने जमीनी विवाद, हरिपाल निवासी बैडाझाल रामनगर ने भूमि मे कब्जा दिलाने की मांग की। आयुक्त द्वारा जनसुनवाई में अधिकांश शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया गया।