पहाड़ी आर्मी के कार्यकर्ताओं ने बिहार महोत्सव मनाने का किया विरोध, राज्य सरकार से की भिटौली सप्ताह मनाने की मांग

हल्द्वानी। बिहार महोत्सव मनाए जाने के विरोध में पहाड़ी आर्मी के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कोर्ट के सामने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला फूंका। आरोप है कि इस समय उत्तराखंड में भिटौली का पावन समय चल रहा है, जो उत्तराखंड की एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक परंपरा है। इस अवसर पर बहनों और माताओं को भिटौली देने की परंपरा है, जो परिवारों के बीच प्रेम और सम्मान का प्रतीक मानी जाती है। ऐसे समय में राज्य सरकार के द्वारा “बिहार महोत्सव” आयोजित करने का निर्णय स्थानीय भावनाओं को आहत करने वाला है। इस दौरान पहाड़ी आर्मी के कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए बिहार महोत्सव को रद्द करें बिहार महोत्सव को रद्द करे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं मानती है तो संगठन द्वारा आंदोलन और तेज किया जाएगा।
नैनीताल जिला के जिलाध्यक्ष मोहन कांडपाल के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार का पुतला दहन किया। कहा कि पहाड़ी हिन्दू समाज के रीति रिवाजों पर संज्ञान लेते हुए सरकार कार्य करें। जिला अध्यक्ष मोहन कांडपाल ने कहा हमारा प्रदेश पहाड़ी प्रदेश है। हमारी विशिष्ट पहचान, अलग लोक त्यौहार, और रीति रिवाज है। राज्य लंबे संघर्षों के बाद मिला है। वर्तमान सरकार बाहरी लोगों की गुलाम हो चुकी है। राज्य में 9 दिवसीय बिहार दिवस मनाना हमें हरगिज मंजूर नहीं है। मुख्यमंत्री से मांग की कि यह पहाड़ी हिंदुओं का भिटौली महीना है। राज्य सरकार मां, बहिनों और बेटियों की रक्षा के लिए भिटौली सप्ताह मनाने की घोषणा करें। राज्य में बिहार दिवस मनाना औचित्य हीन है। इस दौरान प्रदेश मीडिया प्रभारी गौरव गोस्वामी, जिला मीडिया प्रभारी कमलेश खंडूरी, जिला मंत्री कपिल शाह, जिला कोषाध्यक्ष बलबीर जोशी, दीपक गंगोला, सुनीता जीना, प्रेम सिंह, रोहित पंत, पंकज फुलारा, गिरधारी सिंह बिष्ट आदि लोग मौजूद रहे।