उत्तराखण्ड

बरसातों में बढ़ जाते हैं सर्पदंश के मामले

हल्द्वानी।  हल्द्वानी के आसपास ग्रामीण इलाकों  में सांपों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हल्द्वानी की सबसे बड़े अस्पताल डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में लगातार सर्पदंश के मामले आ रहे हैं। अस्पताल में बीते कुछ माह में 140 की लगभग सर्पदंश के मामले सामने आए हैं। इनमें तीन लोगों की मौत भी हो गई है।

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हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में किंग कोबरा, रसेल वाइपर जैसे जहरीले सांप पाए जाते हैं। ऐसे में यह सांप किसी को डस ले और समय पर उपचार न मिले तो उसका बचना मुश्किल हो जाता है। एसटीएच में सर्पदंश  उपचार की विशेष व्यवस्था है।

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गर्मियों में  सर्पदंश के कम मामले आ रहे थे।  बारिश शुरू होते ही सर्पदंश के मामलों में कई गुना उछाल आ गया। अस्पताल में उचार के दौरान तीन सर्पदंश से पीड़ित लोगों की मौत भी हो गई है। अस्पताल में सर्पदंश   के उपचार में प्रयोग होने वाले एंटी वेनम मौजूद है। साथ ही मरीज को आईसीयू में भी भर्ती करने की सुविधा है।
गौला रेंज में सबसे ज्यादा सांप
 वन विभाग के अनुसार गौला रेंज में सबसे ज्यादा सांप निकलते हैं। इसकी सीमा नेपाल तक लगी है। बीते सालों में गौला रेंज में सबसे ज्यादा सांप निकलने के मामले सामने आए हैं। सर्पदंश से मौतों की बात करें तो पश्चिमी वृत्त के अधीन आने वाले वन प्रभागों में बीते वर्षों में कई लोगों की मौत सांप के काटने से हुई है। वन विभाग का यह भी कहना है बाघ के हमले से ज्यादा लोगों की सांप काटने से मौत होती है।

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अंधविश्वास के चलते कई लोग गवां देते हैं जान
सर्पदंश के मामलों में अभी भी लोगों में अंधविश्वास है। सांप से डसने के बाद कई लोग तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंस जाते हैं और जान से हाथ धो बैठते हैं। सर्पदंश के मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए  मेडिकल साइंस में सर्पदंश का उपचार मौजूद है। इस बारिश के मौसम में भी सर्पदंश पीड़ित करीब 100 से भी अधिक लोगों को अस्पताल से ठीक करके घर भेजा है। 

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Anand Batra

Editor-in-Chief - Hills News (www.hillsnews.in)

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