बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षक को अदालत ने सुनाई 5 साल की सजा, दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया

रुद्रप्रयाग:- आज के समय में जहां कई लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी बेरोजगार घूम रहे हैं, वहीं कुछ लोग फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरियां कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर एक शिक्षक नौकरी कर रहा था, शिक्षक को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की अदालत ने पांच साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
लक्ष्मण सिंह रौथाण पुत्र केदार सिंह रौथाण ने जनता इंटर कॉलेज देवनगर, रुद्रप्रयाग में शिक्षक था। सत्यापन में उसकी बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई। उसने चौधरी चरण सिंह विवि, मेरठ की डिग्री प्रस्तुत की थी। एसआईटी जांच में भी डिग्री के फर्जी होने की पुष्टि हुई।
इसके आधार पर शिक्षा विभाग रुद्रप्रयाग ने आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। साथ ही उसे बर्खास्त कर दिया गया था। मामले में पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट पेश की। मुख्य कोर्ट ने लक्ष्मण सिंह को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। लक्ष्मण सिंह को जिला कारावास पुरसाड़ी भेज दिया गया है।
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अभियोजन अधिकारी प्रमोद चन्द्र आर्य ने पैरवी की है। उन्होंने बताया कि अब तक जनपद रुद्रप्रयाग में दर्ज फर्जी डिग्री के सभी 26 मामलों में दोषियों को सजा हो चुकी है।









