सीएम ने आरटीओ ऑफिस का किया औचक निरीक्षण, अचानक हुई कार्रवाई से मचा हड़कंप

हल्द्वानी- पहली बार ऐसा नहीं हुआ जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक प्रोटोकॉल तोड़ कर सरकारी विभागों की हालत देखने पहुंच गए हों। इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया और अचानक सम्भागीय परिवहन कार्यालय पहुंच गए। कार्यालय की हालत देखकर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई और कमिश्नर दीपक रावत से कार्यालय का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा।
मंगलवार 15 अक्टूबर को हल्द्वानी के रामपुर रोड स्थित महात्मा गांधी इंटर कॉलेज आए थे म यहां निर्माणाधीन जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना से प्रभावित छह गांव मुरकुड़िया, तिलवाड़ी, उडुवा, गनराड, पनियाबोर और पस्तोला के प्रभावित परिवारों को प्रतिकर एवं पुनर्वास और पुनर्व्यस्थापन सहायक वितरण कार्यक्रम में पहुंचे थे। जमरानी के अधिकारियों को चेक सौंपने के बाद एमबी इंटर कॉलेज में आयोजित कुमाऊं द्वार महोत्सव का शुभारंभ करने जाना था। वह यहां से एमबी इंटर कॉलेज के लिए तो निकले, लेकिन रास्ते मे अचानक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के काफिले का रूट बदल गया। कॉलेज जाने के बजाय वह आरटीओ आफिस पहुंच गए। अचानक हुई सीएम की छापामार कार्रवाई से हड़कंप मच गया।
सीएम ने सम्पूर्ण कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को समय से कार्यालय आने और तय समय पर ही कार्यालय से जाने के निर्देश दिए। मानकों के अनुसार आमजन की सहूलियत को देखते हुए सरलीकरण समाधान और निस्तारण पर जनता से जुड़े कार्य प्राथमिकता देने के निर्देश दिए एवं कहा कि परिवहन कार्यालय से संबंधित कार्यों में आमजन को बेवजह ना लटकाया जाए। सभी अधिकारी फाइलों पर ध्यान में रखकर काम करें।
मुख्यमंत्री ने कार्यालय में इधर-उधर पड़ी फाइलों पर नाराजगी जताते हुए फाइलों को व्यवस्थित तरीके से रखने के निर्देश दिए। साथ ही फाइलों को डिजिटल मोड में रखने के निर्देश दिए हुए दफ्तरों में ई फाइलिंग, एवं ई रिकॉर्ड को भी बढ़ावा देने के लिए कहा। कहा भारत विकसित भारत, डिजिटल भारत की ओर आगे बढ़ रहा है, परिवहन विभाग भी डिजिटल प्रणाली के तहत कार्य कर कमसे कम
मुख्यमंत्री ने कहा परिवहन कार्यालय सीधे रूप से जनता से जुड़ा हुआ है। ऐसे में कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की जिम्मेदारियां और बढ़ जाती हैं। उन्होंने सभी कर्मचारियों को पूर्ण पारदर्शिता के साथ कार्य करने के भी निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने विभिन्न पटलों में जाकर पटल सहायक से उनके द्वारा पंजीकरण, प्रवर्तन आदि से संबंधित कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने आयुक्त एवं जिलाधिकारी को समय समय पर कार्यालय का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।







