उत्तराखण्डनैनीताल

घरों में निशान लगाने को लेकर मेयर गजराज बिष्ट ने अधिकारियों के समक्ष उठाया सवाल, कहा क्या घरों में निशान लगाना ही आखिरी विकल्प था

हल्द्वानी:- बीते दिनों प्रशासन ने शहर में नाले के किनारे बसे लोगों के घरों पर निशान लगाए थे। इस संबंध में प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने आवास विकास क्षेत्र में नाले के किनारे रह रहे लोगों को दिए गए ध्वस्तीकरण के नोटिसों पर सुनवाई की। इस दौरान दर्जनों की संख्या में प्रभावित पहुंचे। भवन स्वामियों की भूमि व भवन संबंधी दस्तावेजों की जांच में 14 लोगों के दस्तावेज सही पाए जाने के बाद उनके नोटिस निरस्त किए गए।

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पिछले दिनों प्रशासन ने आवास विकास क्षेत्र में नाले के किनारे रह रहे कई लोगों के घरों पर लाल निशान लगा ध्वस्तीकरण के नोटिस जारी किए थे। इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कई लोगों ने अपने मकानों की रजिस्ट्री व दाखिल खारिज किए जाने की बात कही थी। उसके बाद प्रशासन ने शिविर लगाकर ऐसे लोगों से आपत्तियां मांगी थी। तहसील में प्रभावितों के प्रपत्रों की जांच के दौरान मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने अधिकारियों के समक्ष सवाल उठाया कि क्या लोगों के घरों पर निशान लगा देना ही आखिरी विकल्प था। उन्होंने कहा कि प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों की नींदें उड़ गई है, लोगों को अपने सिर से छत छीने जाने का भय सताने लगा है। प्रशासन को पहले अन्य विकल्पों पर कार्य करना चाहिए था। मेयर और भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट ने अधिकारियों से भवनों के ध्वस्तीकरण के बजाय कोई और रास्ता निकालने को कहा है।
इस दौरान अधिकारियों ने 30 से अधिक लोगों के भवन और भूमि के दस्तावेजों की जांच की। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान 14 लोगों के प्रपत्र सही मिले हैं, जिसके बाद उन्हें दिए गए नोटिसों को निरस्त कर दिया है। नौ लोगों के पास केवल बिजली-पानी के बिल मिले हैं। इनमें 14 लोग मौके पर अधिक भूमि पर काबिज मिले। इन सभी भवन स्वामियों से वैध दस्तावेज दिखाने को कहा गया है। इस दौरान नगर आयुक्त ऋचा सिंह, नगर मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, एसडीएम राहुल शाह, तहसीलदार कुलदीप पांडे आदि मौजूद रहे।

Anand Batra

Editor-in-Chief - Hills News (www.hillsnews.in)

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