आयुर्वेद की सफलता का नया अध्याय: अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुई केस स्टडी

हल्द्वानी: मुखानी स्थित श्री विश्व प्रांगण आयुर्वेद एवं पंचकर्म क्लीनिक के आयुर्वेद चिकित्सक वैद्य राहुल गुप्ता (BAMS, MD) और वैद्य अंकिता गुप्ता (BAMS, MS) ने एक अद्वितीय सफलता हासिल की है। क्लीनिक में एक 34 वर्षीय रोगी का आँखो का इलाज किया गया था, जो यूवीआईटिस नामक गंभीर बीमारी से जूझ रहा था और अचानक से उसकी एक आँख की रोशनी चली गई थी। आयुर्वेद चिकित्सा के माध्यम से रोगी की आँखों की रोशनी सफलतापूर्वक वापस दिलाई गई और इस केस स्टडी को यूरोपियन जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर एंड क्लिनिकल मेडिसिन (EJMCM) में प्रकाशित किया गया है।
EJMCM एक प्रतिष्ठित, पियर-रिव्यूड अंतर्राष्ट्रीय जर्नल है, जो चिकित्सा क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और केस स्टडीज को प्रकाशित करता है। इस जर्नल का उद्देश्य चिकित्सा विज्ञान में नए ज्ञान और अनुभवों को साझा करना है, जिससे चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को लाभ हो सके।
वैद्य राहुल गुप्ता और वैद्य अंकिता गुप्ता ने रोगी का इलाज ऊर्ध्वगत रक्तपित्त और तिमिर नामक आयुर्वेदिक बीमारी के आधार पर किया, जिसमें जोंक चिकित्सा, स्वर्ण सूतशेखर रस, बोलबद्ध रस, अविपत्तिकर चूर्ण, बृहद वासादि कषाय और वसंत कुसुमाकर रस जैसी दवाएं दी गईं। रोगी की स्थिति में 5 दिनों के भीतर सुधार देखा गया और 65 दिनों के भीतर रोगी पूरी तरह से ठीक हो गया।
यह केस स्टडी आयुर्वेद चिकित्सा की प्रभावशीलता और श्री विश्व प्रांगण आयुर्वेद एवं पंचकर्म क्लीनिक के चिकित्सकों की विशेषज्ञता का एक बड़ा प्रमाण है। इस प्रकाशन से आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति लोगों के विश्वास में वृद्धि होगी और यह अन्य आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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